भोपाल. कांग्रेस की शनिवार को अहम बैठक होने जा रही है। इसमें पार्टी के शीर्ष नेता भाग लेंगे। बैठक में किसान आंदोलन समेत कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले कुछ अहम नेताओं को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया है। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि नाराज नेताओं को सोनिया से संवाद कायम शुरू करवाने में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका है। गांधी परिवार के बेहद नजदीकी माने जाने वाले कमलनाथ इन दिनों सक्रिय दिख रहे हैं। अध्यक्ष के चुनाव की मांग करने वाले कुछ नेताओं को भी बैठक में बुलाया गया है, जिनसे सोनिया गांधी व्यक्तिगत चर्चा कर सकती हैं। वहीं, मध्यप्रदेश में पार्टी में गुटबाजी को खत्म करने के लिए भी कमलनाथ सोनिया गांधी के साथ चर्चा करेंगे।
माना जा रहा है कि कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से कोई एक पद छोड़ सकते हैं। इस बीच पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बयान आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जल्दी ही बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कमलनाथ एक पद छोड़ सकते हैं। कमलनाथ ने सोनिया गांधी से 13 नवंबर को मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी को उपचुनाव में 19 सीटों में मिली हार की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी थी। तब सोनिया ने एक विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कमलनाथ ने जिला अध्यक्षों व प्रभारियों से हर सीट की रिपोर्ट बुलाई थी।
नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी चर्चा
मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय की तैयारियां भी तेज हो गई हैं वहीं, दमोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी होना है। इसे देखते हुए पार्टी ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी से मुलाकात में कमलनाथ इन मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं।
सक्रिय हुए कमलनाथ
एमपी में उपचुनाव के नतीजे आने के बाद से ही कमलनाथ पार्टी का संकट सुलझाने के लिए सक्रिय हो गए थे। यह भी कहा जा रहा है कि असंतुष्ट नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी उन्हें सोनिया गांधी ने दी है। बीते 8 दिसंबर को कमलनाथ की सोनिया के साथ लंबी बैठक हुई थी। इसी बैठक में कमलनाथ को पार्टी का संकट दूर करने के लिए असंतुष्टों से बातचीत करने को कहा गया था।